पीएम मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। उन्होंने 15 जून को गलवान में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लद्दाख में भारत की भूमि पर आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला। हमें दोस्ती निभाना और आंखों में आंखें डालकर जवाब देना आता है। मोदी ने अपने कार्यक्रम में जवानों की शहादत, कोरोना दौर, आत्मनिर्भर भारत, किसान, लॉकडाउन की कहानियां और मानसून में पानी बचाने जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की।
PM के भाषण की महत्वपूर्ण बाते :
1. यह साल भी अच्छा होगा :
2020 ने आधा सफर पूरा कर लिया है। हर तरफ वैश्विक महामारी की ही बात हो रही है। हर कोई एक ही विषय पर चर्चा कर रहा है कि यह साल जल्दी क्यों नहीं बीत रहा, यह बीमारी कब खत्म होगी। कोई कह रहा है, 2020 शुभ नहीं है। कभी कभी सोचता हूं कि ऐसा क्यों हो रहा है? संकट आते रहे, लेकिन हमारा देश आगे बढ़ता रहा। भारत ने संकट को सफलता की सीढ़ी में परिवर्तित किया है। आप इसी संकल्प से आगे बढ़ेंगे तो यही साल कीर्तिमान स्थापित करेगा। मुझे 130 करोड़ लोगों की शक्तियों पर भरोसा है।
2. भारत दुश्मनों को जवाब देना जानता है :
दुनिया ने इस दौरान भारत की विश्वबंधुत्व की भावना को भी महसूस किया है। हमने अपने सीमाओं की सुरक्षा करने वालों को जवाब भी दिया। भारत मित्रता निभाना जानता है तो आंखों में आंखे मिलाकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है। लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है, श्रद्धांजलि दे रहा है। पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नत-मस्तक है।
3. पुराने अनुभवों से सीखना होगा :
आजादी के पहले हमारा देश डिफेंस सेक्टर में दुनिया के कई देशों से आगे था। उस समय कई देश जो हमसे कहीं पीछे थे वे आज आगे हैं। हमें अपने पुराने अनुभवों को लाभ उठाना चाहिए था वह हम नहीं उठा सके। आज भारत प्रयास कर रहा है।आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा रहा है। कोई भी विजन सबके सहयोग के बिना नहीं हो सकता। लोकल के लिए वोकल होंगे तो यह भी देशसेवा ही होगी।
4. किसानों को हर तरह की मदद देने की कोशिश :
कृषि भी दशकों से लॉकडाउन में फंसी थीं, इसे भी अनलॉक कर दिया गया है। इससे किसानों को अपनी फसलें किसी को भी कहीं भी बेचने की आजादी मिली है। इसके साथ ही उन्हें अधिक ऋण मिलना भी सुनिश्चित हुआ है।
5. पानी बचाएं, छोटी सी कोशिश का बड़ा नतीजा हो सकता है
देश के एक बड़े हिस्से में मानसून पहुंच चुका है। इस बार मौसम वैज्ञानिक भी मानसून को लेकर उत्साहित हैं। अच्छी बारिश होगी तो प्रकृति प्रफुल्लित होगी, किसान भी खुश होंगे। इससे प्रकृति रीफिलिंग करती है। इसमें हमारा थोड़ा प्रयास काफी मददगार होगा।
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