मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देवघर जिले की मसनजोरा ग्राम पंचायत स्थित मथुरापुर में मनरेगा योजनाओं में बरती गई अनियमितताओं की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) जांच का आदेश दिया है। एसीबी को मामले में पीई दर्ज करते हुए जांच रिपोर्ट जल्द देने को कहा है। देवघर के पालाजोरी बीडीओ सह सीओ नागेंद्र तिवारी की संदेहास्पद मौत और परिजनों के आरोप को गंभीरता से लेते हुए सीएम ने यह कदम उठाया है।
जमशेदपुर में रेल पटरी से बरामद बीडीओ नागेंद्र के शव को हत्या करार देते हुए परिजनों ने आरोप लगाया है कि मनरेगा योजनाओं के तहत हुए कार्यों की जांच करने के कारण मसनजोरा मुखिया गायत्री देवी, उनके पति और सहयोगी लोचन महतो मानसिक प्रताड़ित कर रहे थे, जिससे नागेंद्र तनाव में चल रहे थे।
इस संबंध में दर्ज परिवाद के अनुसार, मसनजोरा ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत जो योजनाएं ली गईं, उनमें 50 प्रतिशत कार्य फर्जी हैं। इसके अलावा डोभा के निर्माण में भी नियम के विरुद्ध जेसीबी का इस्तेमाल किया गया। फर्जी मस्टर रोल के आधार पर राशि की भी निकासी कर ली गई, जो मनरेगा गाइडलाइन के प्रतिकूल है।
इधर मृतक के बड़े भाई सुरेंद्र तिवारी ने मंत्री से कहा कि उनके भाई ने मनरेगा याेजनाओं की जांच में गड़बड़ियां पकड़ी थीं और बालू तस्कराें पर नकेल कसी थी, जिसकी वजह से पालाजोरी मुखिया संघ नाराज था। संघ के अध्यक्ष दाउद अालम को लेकर नागेंद्र काफी डिप्रेशन में थे। दाऊद आलम और वहां के पंचायत सचिवों ने नागेंद्र तिवारी को धमकी भी दी थी। इस पर मंत्री ने उच्चस्तरीय जांच का आश्वासन दिया।
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