देश की छोटी-बड़ी हर Skill आत्मनिर्भर भारत की बड़ी ताकत बनेगी
PM मोदी ने वर्ल्ड यूथ स्किल्स डे के मौके पर बुधवार को डिजिटल कॉन्क्लेव को संबोधित किया। आज नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन की पांचवीं एनिवर्सरी भी है। मोदी ने 15 जुलाई 2015 को इस मिशन की शुरुआत की थी।
मोदी के भाषण की अहम बातें -
स्किल इज सेल्फ रिलायंस :
स्किल इंसान को कहां से कहां पहुंचा सकती है। सफल व्यक्ति की ये निशानी होती है कि वह अपनी स्किल बढ़ाने का कोई मौका जाने नहीं देते, बल्कि नए-नए मौके ढूंढ़ता रहते है। जिसे कुछ सीखने की ललक नहीं है उसका जीवन ठहर जाता है। स्किल के प्रति आकर्षण जीने की ताकत और उत्साह देता है। स्किल सिर्फ रोजी-रोटी और पैसे कमाने का जरिया नहीं, बल्कि जीवन में उमंग-उत्साह के लिए भी जरूरी है।
मैंने स्किल की ताकत को महसूस किया है :
मुझे एक बार एक संस्था के साथ काम पर जाना था, लेकिन गाड़ी नहीं चल पाई। मैकेनिक को बुलाया तो उसने 2 मिनट में गाड़ी ठीक कर दी। उसने 20 रुपए मांगे। एक साथी ने कहा कि 2 मिनट के काम के 20 रुपए ले रहे हो। मैकेनिक ने कहा- 2 मिनट के 20 रुपए नहीं, बल्कि 20 साल से काम के जरिए जो स्किल जुटाई उसकी कीमत ले रहा हूं। यह है स्किल की ताकत।
स्किल से मेहनत बचाई जा सकती है :
आप बुक्स में पढ़ सकते हैं, यू-ट्यूब पर देख सकते हैं कि साइकिल कैसे चलती है, ये सब नॉलेज है। लेकिन आपको नॉलेज है तो आप साइकिल चला पाएं ये जरूरी नहीं है। लेकिन स्किल है तो आप साइकिल चला सकते हैं। जैसे-जैसे आपने इस कला को सीख लिया तो फिर दिमाग खपाने की जरूरत नहीं पड़ती। आज भारत में नॉलेज और स्किल में जो अंतर है, उसे देखते हुए ही आज से 5 साल पहले आज के ही दिन स्किल इंडिया मिशन इसी सोच के साथ शुरू किया गया था।
युवाओं को बेहतर मौके देने की कोशिश कर रहे :
कोशिश यही है कि भारत के युवा को अन्य देशों की जरूरतों के बारे में भी सही और सटीक जानकारी मिल सके। किस देश में हेल्थ सर्विस में कौन से द्वार खुल रहे हैं। किस सेक्टर में कौन से मौके हैं। इसकी जानकारी युवाओं को तेजी से मिल सके। मर्चेंट नेवी का उदाहरण लें तो सेलर की सबसे ज्यादा जरूरत है। हम दुनिया को लाखों सेलर दे सकते हैं और अपनी कोस्टल इकोनॉमी को भी मजबूत कर सकते हैं।
छोटे-छोटे हुनर ही देश को मजबूत करेंगे :
श्रमिकों की स्किल मैपिंग के लिए पोर्टल लॉन्च किया गया है। छोटी-छोटी स्किल ही आत्मनिर्भर भारत की बहुत बड़ी शक्ति बनेगी।
भारत में सिर्फ 2.3% लोगों के पास जॉब स्किल :
संयुक्त राष्ट्र से रिकगनाइज्ड इस इवेंट के जरिए युवाओं को स्किल के जरिए रोजगार पर जोर दिया जाता है और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में स्किल की अहमियत पर फोकस किया जाता है। भारत की वर्कफोर्स मे सिर्फ 2.3% लोग ही ऐसे है जिनके पास कोई जॉब स्किल है।
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