देवघर जिला के पालाजोरी प्रखंड के बीडीओ नागेंद्र तिवारी की जमशेदपुर में रेलवे ट्रैक पर लाश मिली है। शव की सूचना के बाद डीएसपी लॉ एंड आर्डर आलोक रंजन मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल में जुट गए। जुगसलाई पुलिस ने शव को पटरियों से उठाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सोमवार की सुबह बीडीओ के रुप में जब नागेंद्र तिवारी की पहचान हुई। उधर, मृतक के परिजनों ने पालाजोरी प्रखंड के मुखिया संघ के अध्यक्ष पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। डीएसपी लॉ एंड आर्डर का कहना है प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का है। साथ ही आरोपों की जांच पड़ताल की जा रही है। जांच पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक, 45 वर्षीय नागेंद्र तिवारी अविवाहित थे और वे पालाजारी प्रखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) सह अंचालाधिकारी के पद पर तैनात थे। वे पिछले 15 दिनों से जुगसलाई थाना क्षेत्र के साकची जेल चौक के पास रहने वाले अपने बड़े भाई सुरेंद्र तिवारी के साथ रह रहे थे। रविवार शाम जुगसलाई के दुखु मार्केट के पास रेलवे ट्रैक पर उनकी लाश मिली। सोमवार को उनकी शिनाख्त की गई।
15 दिन पहले भाई के पास आए थे नागेंद्र :
मृतक के सुमित कुमार ने आरोप लगाया कि पालाजोरी मुखिया संघ के अध्यक्ष दाउद आलम नागेंद्र तिवारी को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। दाउद ने मुख्यमंत्री से उनकी शिकायत की थी कि वे मनरेगा में ठीक तरीके काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा में मेरे चाचा (नरेंद्र तिवारी) लगातार अच्छा काम कर रहे थे लेकिन दाउद आलम इसका विरोध कर रहे थे जिसके चलते नागेंद्र तिवारी मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर 15 दिन पहले यहां आ गए थे।
सुमित कुमार ने बताया कि रविवार सुबह नाश्ता वगैरह करके चाचा मंदिर जाने की बात कहकर घर से निकले थे। देर शाम तक वे घर नहीं लौटे थे। इसके बाद सुरेंद्र व अन्य परिजन थाना में रिपोर्ट लिखाने पहुंचे तो उन्हें जानकारी दी गई कि रेलवे ट्रैक पर एक लाश मिली है। हमलोगों ने सोमवार सुबह उनकी शिनाख्त की।
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