अखिल भारतीय नाई संघ यूनियन के गढ़वा जिला कमेटी ने कहा -
लाॅकडाउन में जिले के 10 हजार सैलून है बंद, जल्द सैलून खाेलने की अनुमति दे सरकार तथा संचालकाें काे 50 50 हजार रु आर्थिक सहायता प्रदान करे
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए कब तक सैलून खोले जाएंगे, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। तीन महीने से अधिक समय से जिले के 10 हजार सैलून बंद रहने का असर अब इनसे जुड़े संचालकों व कारीगरों पर पड़ने लगा है। इन लोगों के समक्ष घोर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। अचानक लॉकडाउन की घोषणा होने की वजह से मार्च से अब तक सैलून बंद पड़े हुए हैं।
शहर से लेकर गांव तक लोगों के बाल काटकर व दाढ़ी बना कर भरण पोषण करने वाले नाई समाज के लोग अब परेशान होने लगे हैं। लॉकडाउन के कारण उनके घर का बजट भी बिगड़ गया है। नाई समाज के लोगों का कहना है कि यदि सैलून कुछ दिनों तक और बंद रहा तो उनके सामने खाने के लाले पड़ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अभी तो जो कुछ कमाया था, उससे किसी तरह काम चला रहे हैं। लेकिन धीरे-धीरे स्थिति गंभीर होती जा रही है। नाई समाज के लोगों का कहना है कि जब सब्जी, दूध, फल, फूल, खाद्यान्न सामग्री सहित अन्य दुकानों को थोड़ी छूट दी जा रही है तो आखिर नाई समाज के लोगों को क्यों नहीं दी जा रही है।
जल्द सैलून खाेलने की अनुमति दे सरकार :
अखिल भारतीय नाई संघ ट्रेड यूनियन गढ़वा जिला कमेटी के जिला अध्यक्ष गुप्तेश्वर ठाकुर ने एक प्रेसवार्ता आयोजित कर कहा कि गढ़वा जिले में दस हजार सैलून हैं। इस लॉकडाउन में सैलून संचालक व कारीगरों की स्थिति अति दयनीय हो गई है। अभी तक सरकार के द्वारा सैलून खोलने की अनुमति नहीं मिलना निंदनीय है। जबकि पूरे राज्य में सांकेतिक धरना देकर व मांगपत्र देकर सैलून खोलने की अनुमति मांगी गई है।
लेकिन अभी तक सरकार के कानों में जूं नहीं रेंगना सरकार के उदासीन रवैये काे दर्शाता है। सरकार जल्द से जल्द सैलून खोलने की अनुमति प्रदान कर सभी सैलून संचालक को 50 हजार एवं कारीगर को 30 हजार आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान किया जाए। प्रेसवार्ता में जिला सचिव विजय ठाकुर, युवा मोर्चा के प्रमंडलीय अध्यक्ष रवींद्र नाथ ठाकुर, संजीव कुमार ठाकुर, राजीव कुमार ठाकुर, अभय कुमार ठाकुर, रंजीत कुमार ठाकुर आदि लोग उपस्थित थे।
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