ध्रुवास्त्र का हुआ सफल परीक्षण:
ओडिशा के बालासोर में गाइडेड मिसाइल की टेस्टिंग, यह 7 किमी के दायरे में दुश्मन के टैंकों को नष्ट कर सकती है
- ध्रुवास्त्र को 15 और 16 जुलाई को टॉप और डायरेक्ट मोड में फायर किया गया
- यह नाग मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन है, 7 किमी के दायरे में दुश्मनों के टैंकों को निशाना बना सकती है
भारतीय सेना ने ध्रुवास्त्र गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। ओडिशा के बालासोर में 15 और 16 जुलाई को इसे टॉप और डायरेक्ट मोड में फायर किया गया और इसे परखा। ध्रुवास्त्र सेना के बेड़े में पहले से शामिल नाग मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन है। यह 7 किलोमीटर के दायरे में दुश्मन के टैंकों को निशाना बना सकती है। सेना के सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पिछले साल नाग मिसाइल का टेस्ट हुआ था
पिछले साल थार के रेगिस्तान में एंटी टैंक मिसाइल नाग की थर्ड जनरेशन का टेस्ट किया गया था। यह फायर एंड फॉरगेट सिस्टम पर काम करती है। यानी इसे दागे जाने के बाद फिर कोई कमांड की जरूरत नहीं होती। यह सटीक निशाना साधती है। नाग मिसाइल का टेस्ट 12 दिन तक किया गया था। तब यह अपने सभी स्टैंडर्ड पर खरी उतरी थी। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे बनाने वाले डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों और इसकी टेस्टिंग करने वाली सेना की टीम को बधाई दी थी।
नाग में क्या खूबियां हैं?
नाग मिसाइल किसी भी टैंक को ध्वस्त कर सकती है। यह उड़ान भरने के बाद अपने ऑपरेटर के पास पूरे इलाके के फोटो भी भेजती रहती है। इससे क्षेत्र में मौजूद दुश्मन के टैंकों की संख्या पता चल जाती है। इसके आधार पर दूसरी मिसाइल दाग कर उन्हें नष्ट किया जा सकता है। यह मिसाइल एक बार में आठ किलोग्राम वारहैड लेकर जाती है। 230 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से अपने लक्ष्य पर निशाना साधती है। हालांकि, ध्रुवास्त्र की सभी खूबियां अभी पता नहीं चल सकी हैं।
ध्रुवास्त्र में क्या खूबियां हैं:
लंबाई | 1.9 मी |
वजन | 45 किग्रा. |
डायमिटर | 0.16 मी. |
रेंज | 500 मी. से 7 किमी. |
एसएसकेपी | 80% |
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