कोरोना की लड़ाई को हमने जनआंदोलन बनाया है, हमारा लक्ष्य सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है, हमने आत्मनिर्भर भारत अभियान चलाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि - इस साल हमने यूनाइडेट नेशंस की 75वीं वर्षगांठ मनाईं। भारत 50 फाउंडर मेंबर्स में से है, जो सेकंड वर्ल्ड वार के बाद बने थे। आज यूएन 193 देशों को साथ लाया है। इसके साथ ही यूएन से उम्मीदें भी बढ़ी हैं। कई चुनौतियां भी हैं।
भारत ने यूएन के कामों में योगदान दिया है। आज हम 2030 के एजेंडा और स्थायी विकास के लक्ष्यों में अपना योगदान कर रहे हैं। भारत पूरी दुनिया की जनसंख्या के छठवें हिस्से का घर है। हम जानते हैं कि हमारी जिम्मेदारी क्या है। हम जानते हैं कि अगर भारत अपने आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करता है तो यह दुनिया के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए भी फायदेमंद रहेगा।
पीएम मोदी ने कहा, कोरोना की लड़ाई को हमने जनआंदोलन बनाया है। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद दुनिया बदल गई है। भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। हमारा लक्ष्य सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास है। हमने आत्मनिर्भर भारत अभियान चलाया और इससे बहुत मदद मिली। भारत सरकार ने 6 साल में 40 करोड़ बैंक अकाउंट खोले हैं। हम एजेंडी 2030 को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं।
प्रधानमंत्री का संबोधन संयुक्त राष्ट्र की 75 वीं सालगिरह पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुआ। इसमें कोविड-19 के बाद आने वाली हर तरह की चुनौतियों पर चर्चा हुई। इस साल जून में भारत यूएन के सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का अस्थाई सदस्य चुना गया था। इसके बाद यह पहला मौका है जब मोदी ने ऐसे किसी कार्यक्रम में अपनी बात रखी है। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले 2016 में इस परिषद की 70वीं सालगरिह पर भी भाषण दिया था।
जून में भारत यूएन की सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना गया था :
भारत जून में 8 साल में 8वीं बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना गया था। वोटिंग में महासभा के 193 देशों ने हिस्सा लिया था। इनमें से 184 देशों ने भारत का समर्थन किया था।भारत के साथ आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे भी अस्थाई सदस्य चुने गए थे। फिलहाल भारत दो साल के लिए यूएन का अस्थाई सदस्य है।
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