अब भारत के सारे राज्य में उपस्थित आईपीएस पढ़ेंगे दुमका पुलिस के अनुसंधान का पाठ। - Jhar News 24

Breaking News

Jhar News 24

Jharnews24(jharn24.blogspot.com) झारखण्ड का पहला लोकल न्यूज ब्लॉग है इसमें हम लोकल न्यूज के साथ अन्य न्यूज भी आप तक पहुंचते है,local news, sports,national news, Jharkhand news, CM updates,other states, business&economy, jobs, bollywood & entertainment viral videos , biography ओर भी बहुत कुछ दिलचस्प खबर के लिए जुड़े

Flash sale

Post Top Ad

Sunday, 19 July 2020

अब भारत के सारे राज्य में उपस्थित आईपीएस पढ़ेंगे दुमका पुलिस के अनुसंधान का पाठ।



देश के अलग-अलग हिस्सों में त्वरित न्याय के लिए एनकाउंटर को आमलोग सही ठहरा रहे हैं। कुछ माह पूर्व गैंगरेप के चार आरोपियों को भी एनकाउंटर में मारने वाले पुलिसकर्मियों का खूब स्वागत हुआ था। लेकिन देशभर के प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों को त्वरित न्याय के एनकाउंटर वाले तौर-तरीके से अलग अनुसंधान के गुर सिखाए जा रहे हैं, ताकि बेहतर अनुसंधान के जरिए आरोपियों को तत्काल सजा दिलायी जा सके।
झारखंड के दुमका जिले के नाबालिग के साथ गैंगरेप-हत्या केस को नेशनल पुलिस एकादमी (एनपीए) हैदराबाद ने नजीर के तौर पर लिया है। हैदराबाद में प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों को केस स्टडी के तौर पर इस केस की जानकारी दी गई है। दुमका के निवर्तमान और गोड्डा के एसपी वाईएस रमेश ने इस केस के पहलुओं को लेकर प्रशिक्षु अधिकारियों को ऑनलाइन जानकारी दी। एसपी वाईएस रमेश ने बताया कि एनपीए की टीम ने इस मामले में उनसे संपर्क किया था। संपर्क किए जाने के बाद उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस केस के अनुसंधान और त्वरित न्याय के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों को जानकारी दी है।
क्यों देशभर के लिए नजीर बना केस
दुमका के रामगढ़ में छह साल की मासूम को उसके कथित चाचा पांच फरवरी को मेला घुमाने ले गए थे। दो दिन के बाद बच्ची का शव बरामद किया गया। शव के पोस्टमार्टम के बाद गैंगरेप की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने वारदात के बाद इस मामले में मुख्य आरोपी मितू राय को मुंबई से आठ फरवरी को गिरफ्तार किया था। वहीं, गिरफ्तार आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने पंकज और अशोक राय नाम के दो आरोपियों को गोड्डा के पौड़ेयाहाट से गिरफ्तार किया था। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनके डीएनए प्रोफाइल की जांच मृत बच्ची के शरीर में मिले डीएनए से करायी गई थी। वहीं, घटनास्थल पर जाकर स्टेट एफएसएल की टीम ने जांच कर वैज्ञानिक सबूत जुटाए थे। पुलिस ने महज 21 दिन में आरोप पत्र समर्पित किया। 27 फरवरी को पुलिस ने आरोप गठित किया, 28 और 29 फरवरी को रिश्तेदार और पुलिस की गवाही हुई। दो मार्च को कोर्ट में 12 घंटे तक सुनवाई चली। अगली सुबह तीन मार्च को कोर्ट ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनायी। देश के न्यायिक इतिहास में ऐसा दूसरी बार था, जब आरोपियों को महज 25 दिनों में फांसी की सजा सुनायी गई। वैज्ञानिक अनुसंधान के कई पहलुओं और त्वरित न्याय के कारण यह केस नजीर बन गया।
केस के अनुसंधान को मिल सकता है केंद्रीय गृह मंत्रालय का अवार्ड
घटना के वक्त दुमका के एसपी और वर्तमान में गोड्डा एसपी वाईएस रमेश ने बताया कि केस के अनुसंधान पदाधिकारी तत्कालीन रामगढ़ थानेदार राजीव प्रकाश को केंद्रीय गृह मंत्री के एक्सीलेंस इंवेस्टिगेशन अवार्ड मिल सकता है। इस केस में बेहतर जांच के लिए उनके नाम की अनुशंसा भेजी गई है।

No comments:

Post Top Ad